मानव जीवन की वास्तविक कठिनाई चेतना के रूप में एक शाश्वत आत्मा की उपस्थिति है। The soul is immortal, it had been always there, it will always be there. Now this soul currently have this mortal body. शरीर, जो जन्म के क्षण से बदलता रहता है, बढ़ता है, बूढ़ा होता है और अंत में मर जाता है। It is natural that what is good and right for the eternal soul शरीर के लिए खुशनुमा नहीं है जो यहाँ और अभी के पीछे पड़ा रहता है।
The soul acquires the human form only after wandering for ages through numerous other life forms. यह केवल मानव जीवन के माध्यम से है, जिससे भटकने के इस चक्र से आत्मा को मुक्त किया जा सकता है।
So, the question is, how can we fulfill the mission of this human birth and not let it go waste? In a way, we are back to the question we asked in the article of May 12, 2020 – सिर में ये कई आवाजें क्यों हैं?
चेतना को हमारी कंडीशनिंग से बाहर निकालने के लिए हम सभी के अंदर एक जबरदस्त प्रतिरोधक शक्ति है। First, the ego outrightly negates any change like the roar of a lion and later, an overwhelming cacophony of the sounds of desires, propensities and pleadings follow. इतनी चाहते हैं कि जिनको पाने की लालसा में हमारे लिये खुद को बदलना असंभव है।
As discussed earlier in this column, we are entangled in the web of life like silkworms, weaving our cocoons. उससे छूटने का विचार ही हैरत में डाल देता है। सामयिक आध्यात्मिक उत्साह जल्द ही समाप्त हो जाता है। No good is seen in changing the status-quo, however bad it may be; we very deeply love our bad selves.
“मैं”, “मुझे”, और “मेरा”, के भाव, हमारे संबंध, और इंद्रियों की, जो हमारे आनंद की चैनल हैं, हर हालत में रक्षा की जानी चाहिए। और हर वो शय जो उन्हें जाँचती हो, रोकती-टोकती हो, स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दी जाती है। The purpose of life for most of the people is to save our little world of happiness, our little territory of the physical body and enjoy the present moment sense-happiness. मुक्ति का विचार तब तक बेमानी दिखता है जब तक कि वृद्धावस्था नहीं आ जाती।
Our habits are the most powerful forces that control our minds. हम अपनी आदतों की कठपुतली हैं।
हमें अपनी बुरी आदतों में दरअसल मजा आता है, हम उन्हें दोस्त मानते हैं और उन्हें छोड़ने में बड़ा कष्ट होता है। The Bhagavad Gita provides the most accurate example of depression when Arjuna drops his weapons, collapses in his seat and refuses to fight the war.
एक और रणनीति जिसका लोग अनुसरण करते हैं, वह है मूड लिफ्टिंग, विशेष रूप से धूम्रपान और शराब की मदद से, अस्थिरता के खौफ से राहत मिलती है। It is in order to escape the fear of failure that we keep running our lives on the treadmill of our familiar faults and habits and maintain otherwise toxic and harmful relationships.
परिवर्तन ज्यादातर लोगों के लिए डरावनी बात होती है, और शायद इसीलिए, लोगों की यही कोशिश रहती है कि चीजें बस उसी तरह रहें जैसे वे हैं, जैसा है, बस चलता रहे। While a status quo bias minimizes the risks associated with change, it also causes people to miss out on the potential benefits that might even outweigh the risks. इसलिए, यदि आप भी इस तरह से ठीक-ठाक महसूस कर रहें हैं, तो इस स्तम्भ को पढ़ते रहें।