Continuing our discussion on why we make bad decisions, let us examine the root of our tendency to make decisions or take action in an illogical way, जो कि सामान्य ज्ञान और स्पष्ट, मापे-तोले तथ्यों के विपरीत होते हैं। Why do we keep missing opportunities and why is our decision-making poor?
मैनेजमेंट स्कूलों में पाँच मनोवैज्ञानिक पूर्वाग्रहों के बारे में पढ़ाया जाता है।
The first is the Confirmation Bias. पुष्टिकरण पूर्वाग्रह तब होता है जब आप ऐसी जानकारी की तलाश करते हैं जो आपके मौजूदा विश्वासों का समर्थन करती है और उन तथ्यों को अनदेखा करती है जो आपके विश्वास के विरुद्ध जा रहे होते हैं। This can lead you to make bad decisions, because you don’t factor in all the relevant information. पुष्टिकरण पूर्वाग्रह का सबसे बड़ा शिकार वे लोग होते हैं जो खुद को जी हजूरी करने वालों और चाटुकारों से घिरा रखते हैं। So how does one rid oneself of this bias? Don’t be afraid to listen to dissenting views. ‘Respect your critics’ was the advice of Sant Kabir. ‘निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।’
The second is the Anchoring Bias. This is the tendency to jump to conclusions. इसका अर्थ है निर्णय लेने की प्रक्रिया में जल्दी; प्राप्त की गई जानकारी पर अपने अंतिम निर्णय का आधार बना लेना। There are countless tales of failed ‘first impressions.’ Once you form an initial picture of a situation, it is difficult to see other possibilities. लंगर डालने की जल्दी के चलते विवाह जैसे बड़े निर्णय गलत हो जाते हैं। इस पूर्वाग्रह को कैसे दूर किया जा सकता है? कभी भी जल्दबाजी में निर्णय न लें। पर्याप्त समय लें।
The third is the Overconfidence Bias. This one happens when you place too much faith in your knowledge and opinions. अति आत्मविश्वास पूर्वाग्रह से उद्यमी सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। अधिकांश स्टार्ट-अप विफल हो जाते हैं। तथ्यों पर भरोसा करने के बजाय, आप अपने निर्णय-आकलनों को आधार बना कर मुहँ की खाते हैं। You can fail to spot the limits to your knowledge and perceive less risk than there is. Involve other people in gathering information to get over this bias.
The fourth is the Gambler’s Fallacy, a belief that one event will affect the outcome of a future event. It generates false hope. अगर सिक्के को चार या पांच बार उछाला जाए तो ज्यादातर लोग यही मानेंगे कि वह अगली बार उलटी तरफ से आकर गिरेगा। Someone in an abusive relationship might believe that a change will come. पर सामान्य रूप से ऐसा होता नहीं है। हर जुआरी आखिर में हार कर उठता है।
The fifth and perhaps the most common bias is the Attribution Error. आरोपण की त्रुटि चीजों को गलत तरीके से देख कर दूसरों पर दोष मढ़ने की प्रवृत्ति है। It is very common to see spouses blaming each other for raising undisciplined children and adults blaming their parents for not bringing them up properly. सड़क दुर्घटना में गलती हमेशा दूसरे ड्राइवर की ठहराई जाती है। हम भ्रष्टाचार का सहारा लेकर अपने काम निकालते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे ज्यादा आवाज उठाते हैं।
I have enumerated five biases, but life is not so simply black or white. Reality has fifty shades of grey.
आखिर में सभी दोषों का सबसे बड़ा जिम्मेवार भगवान को बता दिया जाता है। ‘तकदीर के आगे किसकी चली है’ की चादर में तदबीर की हर कमी छुप जाती है। Swiss psychiatrist Carl Jung famously said, “Until you make the unconscious conscious, it will direct your life and you will call it fate.” क्या हम वास्तव में एक ‘फिक्स हुआ मैच’ खेल रहे हैं?
जवाब के लिए अगले सप्ताह तक इंतजार करें।