कथा साहित्य किस्से कहानियांला फिएस्ता !Swa:BaniOctober 24, 2020October 8, 2022 October 24, 2020October 8, 20222004 “पंखिड़ा… ओ ओ पंखिड़ा…” मुरली गाने की तेज़ आवाज़ से हड़बड़ा के उठ बैठा. अपनी आँखें जबरन खोलने की कोशिश करते हुए वह अलार्म घड़ी तक पहुंचा और उसे बंद किया. घड़ी उठाकर देखा तो सुबह के सात बज रहे थे. उसे अभी तक कुछ...