कथा साहित्य किस्से कहानियांलव इन चौपाटी : चैताली थानवी की लिखीChaitali ThanviFebruary 27, 2021February 27, 2021 by Chaitali ThanviFebruary 27, 2021February 27, 2021359 माला अपनी दीदी के लिए एग रोल लेने चौपाटी जाती रहती है| वहाँ उसे एक लड़का मिलता है| उससे मिलने के बाद माला थोड़ी-थोड़ी बदलने लगती है| क्या ये बदलाव प्यार की शक्ल लेगा? जानिए आगे| दिन के दो बजे सूरज अपने शिखर पर था...
कथा साहित्य किस्से कहानियांमीठी फ़रवरी : चैताली थानवी की लिखीChaitali ThanviFebruary 14, 2021February 14, 2021 by Chaitali ThanviFebruary 14, 2021February 14, 2021156 पीहू जिसके लिए ठहराव ही जीवन है और आकाश जो एक जगह रुक नहीं सकता| दोनों दोस्त मिलकर एक शर्त लगाते हैं फिर क्या होता है देखें! फ़रवरी की ठंड भरी रात को जैसलमेर में तेज़ हवाएँ चल रही थीं| लाइब्रेरी की खिड़कियाँ एक-दूसरे...
कथा साहित्य किस्से कहानियांपर्फेक्ट दामाद : चैताली थानवी की लिखीChaitali ThanviJanuary 10, 2021January 10, 2021 by Chaitali ThanviJanuary 10, 2021January 10, 2021184 आज उनसे मुलाकात होगी, फिर आमने-सामने बात होगी… गाना गुनगुनाते हुए मैं पैकिंग कर रहा था| पर मेरा बैग बंद ही नहीं हो रहा था| मैं बैग के ऊपर चढ़ कर उसे बंद करने की कोशिश कर रहा था और भाई की आवाज़ आए जा...
कथा साहित्य किस्से कहानियांइज़्ज़त की सीख : समीर रावल की लिखीSameer RawalDecember 20, 2020December 20, 2020 by Sameer RawalDecember 20, 2020December 20, 2020778 पाँच साल बीत चुके हैं, बात उन दिनों की है जब मैं एंजिनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई ख़त्म कर निकला ही था। क़िस्मत अच्छी रही कि पहले या दूसरे इंटरव्यू में ही एक बड़ी कम्पनी ने मुझे नौकरी दे दी। छह महीने उनके गुरुग्राम औफिस में...
कथा साहित्य किस्से कहानियांफटे जूते : सत्यदीप त्रिवेदी की लिखीSatyaaDeep TrivediNovember 23, 2020February 6, 2021 by SatyaaDeep TrivediNovember 23, 2020February 6, 2021181 जूते, यों पहने तो पैरों में जाते हैं, पर इनके ठाठ बहुतेरे हैं। भारतीय समाज में सिर के ताज की भी इतनी पूछ नहीं होती, जितनी इन जूतों की होती है। कहते हैं कि इंसान की परख उसके जूतों से हो जाया करती है। किसी...
कथा साहित्य किस्से कहानियांउम्मीद की किरण : डिम्पल अनमोल रस्तोगी की लिखीDimple Anmol RastogiOctober 27, 2020February 6, 2021 by Dimple Anmol RastogiOctober 27, 2020February 6, 2021423 किसी दिन मेरी बेटी भी कलेक्टर बनेगी! बस यूँ ही सोचते-सोचते कब सीमा की आँख लग गयी उसे पता ही नहीं चला। सुबह उठकर उसने अपने पास सो रही अपनी 7 वर्षीय बेटी निक्की को प्यार से देखा। कल ही की तो बात है, ना...
कथा साहित्य किस्से कहानियांला फिएस्ता !Swa:BaniOctober 24, 2020October 8, 2022 by Swa:BaniOctober 24, 2020October 8, 20222001 “पंखिड़ा… ओ ओ पंखिड़ा…” मुरली गाने की तेज़ आवाज़ से हड़बड़ा के उठ बैठा. अपनी आँखें जबरन खोलने की कोशिश करते हुए वह अलार्म घड़ी तक पहुंचा और उसे बंद किया. घड़ी उठाकर देखा तो सुबह के सात बज रहे थे. उसे अभी तक कुछ...
कथा साहित्य किस्से कहानियांतालाब एक दलदल है : सत्यदीप त्रिवेदी की लिखीSatyaaDeep TrivediOctober 5, 2020November 2, 2020 by SatyaaDeep TrivediOctober 5, 2020November 2, 2020205 किसी गाँव में एक तालाब था – साफ़-सुथरा, सजीला सा। ग्रामीण उसकी पूजा किया करते थे। उसमें नहाकर ख़ुद को धन्य-धन्य समझते थे। बड़ी श्रद्धा से उसके पानी को सर पर लगाते थे। तालाब के पानी से गाँव भर की ज़रूरतें पूरी होतीं थीं। खेतों...
कथा साहित्य किस्से कहानियांहोनी : समीर रावल की लिखीSameer RawalOctober 3, 2020February 6, 2021 by Sameer RawalOctober 3, 2020February 6, 20211622 दस साल का फ़िरोज़ अपनी अम्मी के बग़ैर नहीं रह पाता था। सुबह-सुबह अम्मी ही उसे प्यार से चूल्हा जलाते-जलाते आवाज़ लगाकर उठाती, वो फिर भी अनसुना कर देता। फिर अम्मी उसके पास आती, उसे जी-भर के चूमती, गले लगाती और उठने को कहती। ये...
कथा साहित्य किस्से कहानियांउड़ने की कला : चैताली थानवी की लिखीChaitali ThanviSeptember 26, 2020November 2, 2020 by Chaitali ThanviSeptember 26, 2020November 2, 2020341 बाहर तेज़ बारिश हो रही थी। ऋतु खिड़की के पास कुर्सी लगाए गुलमोहर के पेड़ को देख रही थी, जो उसके खिड़की के बहुत करीब था। ऋतु के एक हाथ में डाइरी थी और दूसरे हाथ में पेन। वो खिड़की के बाहर देखती और डायरी...