संस्मरण

समुद्र, चर्च, मंदिर, अराट और एयरपोर्ट

Anamika Anu
एक दशक पहले त्रिवेंद्रम एक हरा शहर था, गाँव जैसी हरियाली समेटे, आँगन-सी साफ सुथरी सड़कें और समुद्री तट, साथ में एक सुकून भरी शांति। मैंने कई रातें समुद्र तट पर बैठकर लहरों को देखते हुए गुजारी हैं। उन दिनों घरेलू और अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानें शंखमुगम...

भारत की आज़ादी की पूर्व संध्या का वह ऐतिहासिक चुम्बन

Dr. Dushyant
भारत की आज़ादी की पूर्व संध्या यानी 14 अगस्त 1947 को एक जोड़े ने दिल्ली के कनॉट प्लेस पर चुम्बन लिया और शादी करना तय किया था, चुम्बन लेने की इस घटना को कोलिन्स और लेपियरे ने अपनी किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट‘ में दर्ज किया...

ब्रह्म ज्ञान

Shabnam Patial
कुछ दिन पहले दिल्ली से मदुरै की यात्रा (जोकि 3 दिन की थी) के दूसरे दिन सुबह-सुबह नागपुर स्टेशन से एक अखबार वाला चढ़ा। मैंने भी अपनी बोरियत दूर करने के लिये दैनिक भास्कर (उसके पास केवल यही एक अखबार था) ले लिया। अमूमन मैं...

अविनाश दास remembers इरफ़ान ख़ान

Avinash Das
धीमी आंच पर चावल चढ़ाने की तरह पान सिंह तोमर रीलीज़ हुई थी। जब पानी में उबाल आने लगा, तो लोग इरफ़ान ख़ान को खोज रहे थे। इरफ़ान पंजाब में “क़िस्सा” की शूटिंग कर रहे थे। अचानक एक दिन अजय ब्रह्मात्मज का फ़ोन आया कि...

मुहब्बत वाली light

Era Tak
बात बचपन की है, जब मैं अपने मम्मी के साथ उत्तर प्रदेश के एक पिछड़े शहर बदायूं में रहा करती थी. यूपी के नक़्शे में जूते जैसा आकार लिए वो क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा जिला था. पर केवल नाम का जिला था, जिले...