Era Tak

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इरा टाक, लेखक, चित्रकार और फिल्मकार हैं। वर्तमान में मुंबई रह कर अपनी रचनात्मक यात्रा में लगी हैं। दो काव्य संग्रह - अनछुआ ख़्वाब, मेरे प्रिय, कैनवस पर धूप , कहानी संग्रह - रात पहेली, नॉवेल - रिस्क @ इश्क़, मूर्ति, ऑडियो नावेल- गुस्ताख इश्क, लाइफ लेसन बुक्स- लाइफ सूत्र और RxLove366. कैनवस पर धूप उनकी नौवी किताब है. शॉर्ट फिल्म्स - फ्लर्टिंग मैनिया, डब्लू टर्न, इवन दा चाइल्ड नोज और रेनबो उनके खाते में दर्ज हैं। कलाकार के रूप में नौ एकल प्रदर्शनियां कर चुकी हैं। इरा आजकल एक प्रोडक्शन हाउस के लिए फीचर फिल्म की स्क्रिप्ट लिख रही हैं।

छुट्टियाँ बन जाएँ यादगार

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बच्चों की गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू हो चुकी हैं. बच्चों को साल भर गर्मी की छुट्टियों का इंतज़ार रहता है. वे अपनी दादी, नानी के घर या अपने पेरेंट्स के साथ कहीं घूमने जायेंगे. कुछ दिन घूम-फिर आने के बाद भी उन पर खूब सारा...

सेल्फ लव

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“ख़ुद से स्वीकार करना सीखिए और जो हैं वो बने रहिये, वरना यहाँ हर कोई आपको अपनी सहूलियत से बदलना चाहेगा.” ख़ुद को स्वीकार करना, ख़ुद से प्रेम करना, सबसे पहले अपने लिए सोचना, अपने सपनों को जीना ये सारे ऐसे काम हैं जिनके लिए...

एकतरफा प्यार, दुधारी तलवार

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ज़िन्दगी में सब कुछ प्लानिंग से नहीं होता, खासकर प्यार और दुर्घटना इस श्रेणी में आते हैं. प्यार दुनिया के सबसे खूबसूरत अहसासों में से एक है पर जब ये अहसास एकतरफ़ा (One Sided Love) हो तो भयंकर पीड़ा में बदल जाता है. फीलिंग्स टूट...

ब्रेकअप से वेक-अप तक

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“दिल दुखा है लेकिन टूटा तो नहीं है” ज़िन्दगी में जब पहली बार दिल टूटता है तो लगता है कि जीवन खत्म हो गया लेकिन फिर वक़्त उस ज़ख्म को भर देता है और दिल फिर से कहीं न कहीं मुहब्बत ढूंढ़ लेता है. और...

कैसे जलाएं मन के दिए

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कैसे बनाएं मन को खुशियों का रोशनदान   दिवाली का हमें हर साल इंतज़ार रहता है, रोशनी, रंग, फूल, मिठाइयां और ढेर सारी मुहब्बत लुटाते दोस्त! पिछली दिवाली ऐन मौके पर मैं बीमार हो गई थी, शरीर में इतनी ताकत भी नहीं थी कि उठकर...

माफ़ी से मुक्ति तक

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दूसरों को माफ कीजिए, अपने मन की सेहत के लिए माफ़ कर पाना एक ऐसी प्रक्रिया है जो दूसरे को अपराधबोध से मुक्त करने के साथ-साथ स्वयं को भी हल्का करती है। जब तक हम आहत होते हैं, क्रोध और पीड़ा को अपने भीतर पालते-बढ़ाते...

बाइसिकल है, पहला प्‍यार नहीं जो लौटकर नहीं आएगा

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3 जून को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व बाइसिकल दिवस के रूप में अप्रैल 2018 में घोषित किया था। वहीं हर साल 5 जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत 1972 में की गई थी। साइकिल हल्की, सस्ती, आसान, सहज, सरल, एनवायरनमेंट...

दूसरी लहर, जीवन का दरिया और दूर टिमटिमाता लाइटहाउस

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कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर है, देखते ही देखते अप्रैल-मई में लाखों घर बर्बाद हो गए। किसी का जवान बेटा/ बेटी असमय चले गए तो किसी का छोटा बच्चा, किसी ने वक़्त से पहले अपने बुजुर्ग माता/ पिता को खो दिया,  कई अपने...

ले जाएंगे तूफान से कश्‍ती निकाल के; तुम रखना इस देश के बच्‍चे संभाल के

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मानवता के लिए यह बड़ा मुश्किल दौर है। कहा जाता है कि महामारी हर सौ साल में आती है। 1918 में भी स्पैनिश फ्लू ने पैर पसारे थे और न जाने कितनी ज़िंदगियाँ असमय काल के गाल में समा गईं। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से...

बच्चे को मशीन नहीं इंसान बनाइये : बच्चे पालना बच्चों का खेल नहीं

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जैसे-जैसे वक्त बदला पेरेंट्स और बच्चों का रिलेशनशिप बदलता गया. बचपन में अक्सर पलट कर जवाब देने पर मेरी मां कहतीं थीं- हम तो अपने पेरेंट्स के सामने सिर तक नहीं उठा पाते थे और तुम हमको पलट कर जवाब देती हो. आज के दौर...