“ख़ुद से स्वीकार करना सीखिए और जो हैं वो बने रहिये, वरना यहाँ हर कोई आपको अपनी सहूलियत से बदलना चाहेगा.”

ख़ुद को स्वीकार करना, ख़ुद से प्रेम करना, सबसे पहले अपने लिए सोचना, अपने सपनों को जीना ये सारे ऐसे काम हैं जिनके लिए अक्सर हमको कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है. स्वार्थी, ख़ुदगर्ज, मतलबी, घमंडी आदि खिताब भी दिए जाते हैं. ख़ासकर स्त्रियों को बचपन से ही त्याग करना, दूसरों की देखभाल करना, शादी के बाद ससुराल वालों की मर्जी के हिसाब से उठाना, बैठना, कपड़े पहनना, अपने परिवार के लिए अपने सपनों को कुर्बान कर देने जैसी घुट्टी पिलाई जाती है. इसलिए दुनिया में ज्यादातर मुस्कुराहटें खोखली हैं क्योंकि उन पर हर हालत में खुश दिखने का दवाब है.

तो छोड़िये दुनिया की फ़िक्र कुछ ऐसे कीजिये कि आप वाकई दिल खोल कर जी सकें –

दूसरे क्या सोच रहे ये मत सोचिये – अगर मैं ऐसा करूँ तो दुनिया क्या कहेगी? अगर मैं ऐसे कपड़े पहनूं तो लोग मुझे किसी नज़र से देखेंगे? अगर मैं गे/लेस्बियन हूँ तो मेरे परिवार वाले और समाज मुझे इज्जत नहीं देगा, मैं मोटा, काला, सुन्दरता के खांचे में फिट नहीं बैठता, किसी ख़ास तरह की बीमारी से ग्रसित हूँ तो लोग मेरा मज़ाक उड़ायेंगे, इस तरह की बातें और विचार आत्मघातक हैं. सबसे पहले अपने होने को स्वीकार कीजिये. आपको क्या अच्छा लगता है, किस तरह से अपना जीवन जीना चाहते हैं, किस तरह से प्रेम करना चाहते हैं, क्या प्रोफेशन चुनते हैं ये पूरी तरह आपके निर्णय और हक हैं. कोई दूसरा इस बारे में क्या सोचता है ये सोचना आपका काम नहीं है. जब आप इस तरह से सोचना शुरू करेंगे तो जीवन को लेकर आपका नजरिया ही बदल जाएगा, आप ख़ुद को हल्का और ऊर्जावान महसूस करेंगे. आप कितने भी अच्छे हों फिर भी कईयों की नज़रों में बुरे होंगे इसलिए सबसे पहले ख़ुद के लिए क्या अच्छा और सही है वो देखिये. आप चाह कर भी सबको खुश नहीं कर सकते हैं.

गलती कीजिये और ख़ुद को माफ़ करना सीखिए – बचपन से ही हम पर कुछ बनने का प्रेशर डाल दिया जाता है. ज़्यादातर घरों में गलतियाँ करने पर समझाने की बजाय सजा दी जाती है, ऐसे में अक्सर हम परफेक्ट होना चाहते हैं. गलती करने पर हम ख़ुद को कोसने लगते हैं, डरते हैं कि कहीं दुनिया हमारी गलतियों का मजाक नहीं बनाये. अपनी ग़लतियों से सबक लेकर आगे बढ़ना और उनको न दोहराना सबसे अच्छा उपाय है. किसी एक गलती के लिए रह-रह कर ख़ुद को कोसना घातक है इससे आपके कॉन्फिडेंस और सेल्फ रेस्पेक्ट में कमी आती है. गलतियाँ आपको समझ देती हैं, ख़ुद पर हँसना सीखिए. हर गलती निखारती है, ये ही बड़े होने का नियम है. अतीत में की गई किसी गलती का अफ़सोस भी है तो उसके लिए ख़ुद को माफ़ कर देना ही एक मात्र उपाय है. अतीत में जाकर उसको सही नहीं किया जा सकता है पर वर्तमान और भविष्य में उससे सबक लेकर अनेक बड़ी गलतियों से बचा जा सकता है.

दूसरों की मुहर का न करें इंतज़ार – आप अपने आप में अकेले और अनोखे हैं. कभी भी ख़ुद को दूसरों से compare करके छोटा महसूस करने की ज़रूरत नहीं है. हम सोशल मीडिया के दौर में रहते हैं जहाँ न चाहते हुए भी हम एक दौड़ में भागने लगते हैं, कोई हमसे ज्यादा खुश, सक्सेसफुल, बड़ी गाड़ी वाला, बड़े घर वाला आदि कैसे हो सकता है. इस दौड़ में थकने के सिवा कुछ हासिल नहीं होता क्योंकि दुनिया में लाखों-करोड़ों लोग आपसे आगे और लाखों-करोड़ों आपके पीछे होंगे. तो बेहतर है इस दौड़ से ख़ुद को अलग किया जाये, अगर आप दुखी हैं तो अपनी फीलिंग्स को स्वीकार कीजिये, उसमें खुश रहने का दिखावा करने की क्या ज़रूरत है? और जब खुश हैं तो उस ख़ुशी को आत्मा की गहराइयों में बसा लीजिये, वो भी दुनिया को दिखाने या बताने का विशेष कोई औचित्य नहीं है. सच मानिए दो-चार लोगों के अलावा किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप कैसे हैं.

सबकी अपनी जीवन यात्रा और संघर्ष हैं इसलिए ख़ुद पर फोकस कीजिये, आप अपने से ज्यादा सफल लोगों से प्रेरणा ले सकते हैं, लेकिन आपको ख़ुद आपके आप में विशिष्ट बनना है किसी की कॉपी नहीं. अपने डर को जीतिए और देखिये कि बेहतर रास्ते आपके इंतज़ार में हैं.

आओ तो वेलकम, जाओ तो भीड़ कम – कोई अगर आपको दुखी करता है तो इसके ज़िम्मेदार भी काफ़ी हद तक आप ही होते हैं कि आपने उसको इतनी छूट दी कि वो आपको नुक्सान पहुंचा सके. जीवन में भीड़ कम होनी चाहिए. एक पुरानी कहावत है कि जिसके बहुत दोस्त होते हैं उसका कोई दोस्त नहीं होता है. अपने वक़्त और फीलिंग्स को अच्छे सकारात्मक लोगों में इन्वेस्ट कीजिये. जिनके साथ आपको कुछ सीखने को मिले, जो आपको जज न करें और सही सलाह देने के काबिल हों. अकेले हैं, सिर्फ़ इस वजह से किसी को भी जल्दबाजी में अपनी लाइफ में शामिल न करें.

“अगर साथ मुकम्मल न मिले, तो अकेलापन भी कम खूबसूरत नहीं होता है.”

अकेलापन आपको सोचने, समझने, विचारशील होने का बहुत वक़्त देता है ये आपके जीवन का सबसे ज़रूरी “मी टाइम” भी होता है जब आप सिर्फ ख़ुद के होते हैं.

नेगेटिव लोगों से बचें क्योंकि ये स्याही सोखता (blotting paper) की तरह होते हैं जो दूसरों के जीवन से खुशियाँ सोखने का काम करते हैं. याद रखिये, आप ख़ुद के अलावा किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है इसलिए अगर कोई आपकी मानसिक शांति को नष्ट करता है तो उसे विदाई देने से परहेज नहीं करना चाहिए. एक पुरानी कहावत है – “Kill them with kindness.” जो आपको पसंद नहीं करते, haters हैं वो दरअसल अपने आप में insecure हैं, नाख़ुश हैं, एक संतुलित मनुष्य दूसरे से नफ़रत नहीं करता इसलिए उनको माफ़ करो और आगे बढ़ जाओ. ऐसे लोगों की भीड़ को जीवन में रखने की कोई ज़रूरत नहीं है.

ख़ुद को तोहफे दें, ख़ुद से बात करें – दुनिया कठोर और क्रूर लोगों से भरी हुई है, इसलिए ख़ुद के प्रति दयालु रहना बहुत ज़रूरी है. ख़ुद की वैल्यू समझिये, ख़ुद को प्यार से समझिए, अच्छाइयों की तारीफ करते हुए, कमियों को सुधारने का प्रयास कीजिये. सिर्फ जन्मदिन ही नहीं बल्कि हर मौके पर ख़ुद को ख़ास महसूस करवाइए. अपने छोटे से छोटे अचिवेमेंट पर भी ख़ुद को इनाम देना सीखें. जो उम्मीदें आप दूसरों से लगाते हैं उनको ख़ुद से लगाइए. अपने लिए अच्छी ड्रेस, शर्ट, फूल, टाई, चॉकलेट आदि ख़ुद खरीदना सीखिए. सबसे पहले ख़ुद को अहमियत देना सीखिए. अगर आप ख़ुद का अच्छे से खयाल रखते हैं तभी दूसरों का खयाल बिना किसी उम्मीद के रख पायेंगे. और यकीन मानिये तब आप ज्यादा खुश रहेंगे.

अपने जीवन के फैसले ख़ुद लेने का साहस पैदा करें ज़िन्दगी एक बार मिलती है इसलिए एक उम्र के बाद अपने सभी फैसले ख़ुद लेना सीखिए, ताकि आप अपनी सफलता का क्रेडिट ख़ुद ले सकें और अपनी असफलताओं का किसी और पर इल्ज़ाम न दें. जो भी हैं आप ख़ुद की वजह से हैं. अपनी जीवन यात्रा का सम्मान करें, देखिये कि आपने कहाँ से शुरू किया था और कहाँ तक आ गये.

कोई अँधेरा कितना भी गहरा हो पर उसके बाद रोशनी आती ही है, ये सृष्टि का अलिखित नियम है.

“कितना कुछ था जो डराता था अतीत में
लगता नहीं था, पार हो दिखेगा नया सवेरा
पर दिखा सूरज, पहले से ज़्यादा चमकीला
कितना कुछ डराता है, वर्तमान में 
पर जब अतीत में न टिका. ये तम

तो भविष्य तक भी न जायेगा
एक-एक दिन जीत, अगले दिन तक की यात्रा
हौसलों से ही तो तय होती है!”

तो ख़ुद को प्रेम करिए, निखारिये, जंग के लिए तैयार कीजिये और ख़ुद के सबसे अच्छे दोस्त बनिए. फिर देखिये ये दुनिया आपको कितनी सुन्दर नज़र आएगी, क्योंकि आप ख़ुश हैं, तो ये दुनिया के जलसे हैं.

 

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