ज़िन्दगी में सब कुछ प्लानिंग से नहीं होता, खासकर प्यार और दुर्घटना इस श्रेणी में आते हैं. प्यार दुनिया के सबसे खूबसूरत अहसासों में से एक है पर जब ये अहसास एकतरफ़ा (One Sided Love) हो तो भयंकर पीड़ा में बदल जाता है. फीलिंग्स टूट कर रगों में चुभने लगती हैं, आँखों के सपने आंसुओं के साथ बह जाते हैं. हम जिसको चाहते हैं वो हमको उस नज़र से नहीं चाहता, जब वो हमारी दुनिया हो चुका होता है , हम उसके लिए उसकी दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा भर होते हैं, इस सच से डील करना आसान नहीं होता है. सब कुछ जान-समझ लेने के बाद भी हम उस झूठ को सच मानना चाहते हैं जिसके सच होने की सम्भावना न के बराबर होती है – “शायद वो मेरा/मेरी हो जाए, उसको मेरी कीमत का अहसास हो जाए, हो सकता है वो शर्मीला/ शर्मीली हो आदि”. तरह-तरह से लोग अपने मन को समझाने की कोशिश करते हैं, पर अगर आप दुनिया के बेस्ट इंसान भी हैं तो किसी को ख़ुद को चाहने पर मजबूर नहीं कर सकते हैं, ये अहसास सिर्फ कुदरत के आशीर्वाद से मिल पाता है.

लाख चाहने पर भी इस अहसास से निकल पाना आसान नहीं होता और कई बार तो लोग सालों अपने एकतरफा प्रेम के पूरे होने का इंतज़ार करते रहते हैं, किसी को इस दर्द से निकल पाने में कितना समय लगेगा ये व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करता है.

फिर भी जितना जल्दी हो सके इस एकतरफ़ा रिश्ते (One Sided Relation) से बाहर आना ज़रूरी होता है, ताकि आप ख़ुद को भयानक मानसिक, भावात्मक, शारीरिक पीड़ा से बचा सकें. आज मैं आपके साथ शेयर कर रही हु ऐसी टिप्स जो आपको एकतरफा प्यार से बहार निकलने मैं मदद करेंगी ।

एकतरफ़ा प्यार से बाहर कैसे निकले [ How to get over one sided love affair in Hindi ]

1) सच को स्वीकार कर आगे बढ़ना

अक्सर देखा गया है कि किसी के रिजेक्शन को हम प्रेस्टीज इशू बना लेते हैं. किसी भी तरह अपने लव ऑब्जेक्ट का दिल जीतना चाहते हैं और इसके लिए झूठ, गुस्से, इमोशनल ब्लैकमेल आदि का सहारा लेने से भी नहीं चूकते. पर ये बात समझनी होगी कि इस तरह केवल कुछ वक़्त का साथ या sympathy ही हासिल की जा सकती है, मुहब्बत हासिल नहीं की जा सकती. Stalk करना, जोर-ज़बरदस्ती करके वो और दूर हो सकते हैं. ये हार-जीत का मुद्दा नहीं बल्कि इमोशन का खेल है और इसमें दोनों का एक wavelength पर होना ज़रूरी है. अगर कोई आपके प्रेम का उसी भाषा में उत्तर नहीं देता तो उसकी न को गरिमा से स्वीकार करके आगे बढ़ जाना चाहिए.

2) अपनी फीलिंग्स को फेस करना

कहना आसान होता है लेकिन दिलो-दिमाग में चल रहे तूफ़ान से जूझना बहुत मुश्किल होता है. कई बार आसपास ऐसा कोई नहीं होता जिससे हम दिल का दर्द बाँट सकें, ऐसे में बार-बार उसी शख्स के पास लौटते हैं जिसकी वजह से दिल में दर्द है. पर ये सही नहीं है ऐसे में ये दर्द कभी कम नहीं हो पाएगा. अपने दर्द को स्वीकार करते हुए रो लेना चाहिए, मन हल्का होता है. अपने मन में उठ रही भावनाओं को बाहर निकालना ज़रूरी है वरना वो अन्दर ही अन्दर खाने लगती हैं, जिससे अवसाद, उच्च रक्तचाप, मोटापा, डायबिटीज आदि बीमारियाँ घेर सकती हैं. अगर शेयरिंग के लिए किसी पर भरोसा नहीं तो ख़ुद को लम्बा लैटर लिखा जा सकता है, बाद में उसको नष्ट कर देना चाहिए. इस तरह सेल्फ हीलिंग (Self Healing) और सेल्फ काउंसलिंग (Self Counseling) से ख़ुद को संभाला जा सकता है.

3) दोस्तों से शेयरिंग

जब हम किसी के प्यार में पड़ते हैं तो अचानक वो हमारी लाइफ का सेंटर पॉइंट होता जाता है. दिन की पहली थॉट से लेकर रात में आने वाले सपने तक सब पर वो हावी रहता है. कई बार हम अपने दोस्तों को भी भुला देते हैं, उनसे बातें, घूमना-फिरना कम कर देते हैं क्यूंकि हमारा अवचेतन दिमाग सिर्फ और सिर्फ उस ऑब्जेक्ट को हासिल करना और उसका पूरा अटेंशन चाहता है, पर जब ये पता चलने लगता है कि हमारी फीलिंग एकतरफा है तो दिल बुरी तरह से टूटता है. ऐसे में हम बेहद अकेले हो जाते हैं और उस वक़्त दोस्त ही हमको सँभालते हैं. इसलिए एक-दो घनिष्ठ मित्र होने ज़रूरी हैं जो आपको बिना जज किए आपके दर्द को कम करने में मददगार साबित हो सकें. दोस्त वो सब देख सकते हैं जो आप प्यार में अन्धे होने पर देख नहीं पाते.

4) नो कांटेक्ट रूल

जब आपको मालूम पड़ जाए कि सामने वाले की आपके लिए कोई फीलिंग नहीं तो उसी वक़्त से उनको chase करना छोड़ देना चाहिए. प्यार ज़रूरी है पर आत्मसम्मान उससे ज्यादा ज़रूरी है. जो आपको प्रेम करेगा वो आपकी बिना कहे देखभाल भी करेगा. इसलिए किसी के पीछे नहीं भागना चाहिए, जो वापस लौटना चाहेगा वो लौट आएगा, वापसी के रास्ते सबको पता होते हैं. एकतरफ़ा प्यार पर काबू करने के लिए सोशल मीडिया और फ़ोन पर उनसे सारे संपर्क खत्म कर लेने चाहिए क्योंकि अगर आप बार-बार उनके संपर्क में आएंगे तो मन कमज़ोर पड़ेगा और वापस आपकी भावनाएं सिर उठाने लगेंगी, अगर वो आपके साथ ही काम करते हों तब भी कोशिश होनी चाहिए कि कम से कम संपर्क में रहा जाए. वक़्त के साथ-साथ जब आपके घाव भर जाए तो आप हेल्थी रिलेशन को ओपन हो जाते हैं, तब चाहे तो उनके साथ दोस्ती रखी जा सकती है.

5) काम पर फोकस

दिल के दर्द से सिर्फ काम ही बचा सकता है, अपने आप को फोकस कीजिए. अगर आप ख़ुद को किसी रिश्ते में सौ प्रतिशत देते हैं तो आखिर में दुखी होने लगते हैं पर अगर आप काम में सौ प्रतिशत देते हैं तो काम आपको तरक्की देता है. अपने लिए नए गोल सेट कीजिए, देखिए इस एकतरफ़ा प्यार के कारण आपने कितना समय खराब कर लिया, अपने सपनों को धार दीजिए और उनको सच बनाने में ख़ुद को झोंक दीजिए. अपने दर्द को क्रिएटिविटी में ढाला जा सकता है, म्यूजिक सीखना, पेंटिंग बनाना, डायरी लिखना, सोलो ट्रेवल करना आदि कई तरीके हैं जिनसे हम ख़ुद को व्यस्त रख सकते हैं और इस पैशन को प्रोफेशन भी बना सकते हैं.

6) ख़ुद से मुहब्बत

जब हम एकतरफा रिश्ते में होते हैं तो ख़ुशी से ज्यादा तकलीफ़ और इंतज़ार में रहते हैं, ऐसे में हम सबसे ज्यादा नुक्सान ख़ुद को पहुंचाते हैं. अगर आप ख़ुद को प्रेम नहीं करेंगे तो और भी क्यों आपसे प्रेम करना चाहेगा? हम क्यों किसी दूसरे की मुहर का वेट करते हैं? आज से अभी से ख़ुद को प्यार करना, खयाल रखना सीखिए, जो भी रौनक है आपके होने से ही है. अच्छी डाइट लीजिए, gym जाइए, बॉडी को फिट बनाइए ताकि आपके अन्दर से नेगेटिव इमोशन बाहर निकल सकें और हैप्पी होर्मोनेस रिलीज़ हों. मैडिटेशन कीजिए और ख़ुद को मिली नेमतों के लिए कुदरत को शुक्रिया कहना न भूलें. शॉपिंग भी अच्छा मूड बूस्टर है पर ध्यान रखिए कि आप ज़रूरत से ज्यादा शॉपिंग न कर लें.

धीरे-धीरे आप इस एकतरफ़ा प्यार के मायाजाल से बाहर निकल आएंगे और यकीन मानिए कि ये दर्द आपको पहले से ज्यादा बेहतर और सेंसिबल इंसान बनाएगा, फिर आप जब पीछे मुड़ कर देखेंगे तो ख़ुद की मूर्खता पर आपको हंसी आएगी. जो सौदा लेने-देन का हो उसमें दोनों को मुनाफ़ा और आनंद मिलता है.

 

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