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“दिल दुखा है लेकिन टूटा तो नहीं है”

ज़िन्दगी में जब पहली बार दिल टूटता है तो लगता है कि जीवन खत्म हो गया लेकिन फिर वक़्त उस ज़ख्म को भर देता है और दिल फिर से कहीं न कहीं मुहब्बत ढूंढ़ लेता है. और ये टूटने-जुड़ने का सिलसिला लगातार चलता रहता है. फिर भी ब्रेकअप लोगों को मानसिक रूप से तोड़ देता है, उनके आत्मविश्वास को बुरी तरह हिला कर रख देता है. जिस रिश्ते में हम ख़ुद को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक तौर पर इन्वेस्ट करते हैं उसका टूट जाना एक तरह की मौत है. कोई व्यक्ति अपने बेहद करीबी रिश्ते की मौत के सदमे से उबरने में कितना वक़्त लेगा इसका कोई जांचा-समझा फार्मूला नहीं है, ये अलग-अलग व्यक्ति के स्वभाव पर निर्भर करता है.

ब्रेकअप के बाद मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, लोग अवसाद का शिकार भी हो जाते हैं, हीनता भी कई बार मन में घर कर जाती है – “आखिर मुझमें ही कमी है कि मुझे कोई प्यार नहीं करता, मैं मनहूस हूँ, मेरी किस्मत में सच्चा साथी नहीं है” आदि नकारात्मक विचार बुरी तरह से उलझा लेते हैं. रोजमर्रा के कामों में, सोशल मीडिया में, दोस्तों में रुचि खत्म सी हो जाती है, लेकिन फिर धीरे-धीरे दर्द कम होता है और निगाहें साफ़ होने लगती हैं –

“जो छोड़ गये वो उतना ही साथ चलने के काबिल थे.”   

ब्रेकअप कई बार हमारे लिए वेकअप कॉल होते हैं – ख़ुद को संवारने, सुधारने, आगे बढ़ने के नए अवसर लेकर आते हैं. हम कहीं संतुष्ट होकर बैठ न जाए इस वजह से ज़िन्दगी समय-समय पर झटके देकर हमको मजबूत करती है, अनदेखे रास्ते खोजने का मौका देती है ताकि हम उन मंजिलों तक पहुँच सकें जिन तक पहुँचना हमारे जीवन का लक्ष्य है.

ब्रेकअप से कैसे उबरें [How to get over a breakup in Hindi]

ब्रेकअप के बाद ख़ुद को किस तरह हील करते हुए आगे बढ़ा जाये और कैसे अपने आपको ब्रेकडाउन से बचाया जा सके ताकि आप बेहतर तरीके से इस दुःख से निपट कर वापस पटरी पर आ सकें इसके लिए आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा.

1. अपने शरीर का रखें ध्यान, तब होगा जीवन आसान –

दिल टूटने के बाद दुखी रहना, हर वक़्त पुरानी यादों, तनाव से घिरे रहना, ज्यादा पीना, खाना, ज्यादा या बिलकुल कम सोना, किसी गलत लत में पड़ जाना आदि, आम बात है और ये सारी बातें हमारी बॉडी को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं. जिस वजह से सिरदर्द, डिप्रेशन, इनसोम्निया (नींद न आना), वेट गेन (वजन बढ़ना) या अनावश्क रूप से वजन घटना, मसल पेन, थकान, अरुचि, उच्च रक्तचाप आदि कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं. स्ट्रेस होर्मोन कोर्टिसोल के लेवल के बढ़ जाने से ऐसा होता है.

ब्रेकअप के बाद ख़ुद से ज्यादा प्यार करने की ज़रूरत है, मुश्किल होता है पर घर पर अकेले बंद बैठे रहने के बजाय खुली हवा में सैर, रनिंग या साइकिलिंग करें, जिम जाएँ अपनी फिटनेस को बढ़ायें और धीरे-धीरे आपका तनाव अपने आप कम होने लगेगा, साथ ही साथ स्टैमिना भी बढ़ेगा. अच्छा खाइए, मल्टीविटामिन लीजिये, तरह-तरह के फल-सब्जी अपनी डाइट में शामिल कीजिये, याद रखिये, एक हादसे से उबरने को आपको ज्यादा ऊर्जा की ज़रूरत है. और सबसे ज़रूरी बात भरपूर सोइए, नींद आपके लिए रामबाण औषधि है, आधी से ज्यादा दुःख-तकलीफों का इलाज तो आठ घंटे की नींद लेने से ही हो जाता है.

2. बने सोशल और Less Media –

सोशल मीडिया पर घंटों वक़्त बिताने से बेहतर एक अच्छे दोस्त के साथ कॉफ़ी पी जाये, ताकि आप आभासी दुनिया से निकल कर असल ज़िन्दगी को समझ पायें. ब्रेकअप के बाद सोशल मीडिया पर बार-बार अपने एक्स(Ex) के स्टेटस चेक करना, उसकी एक्टिविटी को मॉनिटर करना, उसको खुश देख कर दुखी होना, नए साथी ढूंढना, सोशल मीडिया पर हँसते-मुस्कराते जोड़े देख कर अपनी किस्मत पर रोना, ये सारी बातें आपका टाइम waste करने के अलावा कुछ और नहीं करतीं. सोशल मीडिया पर काफी कुछ नकली है इसलिए उसको सच मान कर अपना चैन खराब न करें. ब्रेकअप के बाद आप भावनात्मक रूप से कमज़ोर होते हैं तो सोशल मीडिया पर किसी गलत व्यक्ति के संपर्क में आकर और ज्यादा हर्ट हो सकते हैं.

कुछ दिन फ़ोन और मीडिया से जरूरी दूरी बना कर रखें, इससे बचे खूब सारे वक़्त को आप पुराने दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ घूमने, लंच-डिनर करने, फिल्म देखने, ट्रैकिंग करने, शॉपिंग करने में बिता सकते हैं. लेकिन उन दोस्तों से बचिए जो आपके और एक्स के कॉमन फ्रेंड्स हों और कुछ समय उन जगहों पर भी न जाएँ जिनसे आपको अपने एक्स की याद आती हो.

याद रखिये घाव को बार-बार कुरेदने से वो कभी नहीं भरता, ऐसे में उस पर मरहम लगा कर छोड़ देना चाहिए.

एक ज़रूरी बात ऐसे समय में रोमांटिक फ़िल्में या सीरीज देखने से बचना चाहिए ताकि वो आपके लिए ट्रिगर का काम न करें, इसके बजाय हॉरर, सस्पेंस, क्राइम, एडवेंचर फिल्म्स देखी जा सकती हैं.

3 . रिबाउंड अफेयर से बचें –

अक्सर देखा गया है कि जिसका दिल टूटता है वो बहुत जल्दी किसी नए रिश्ते में पड़ जाता है या कोई अगर बहुत प्यार जताए तो वो उसके साथ बहने लगता है. खाली जगह का भरना कुदरत का नियम है पर कई बार इस नियम के चलते हम किसी गलत चीज़ से भी भर सकते हैं, जो बाद में हमको पहले से ज्यादा चोटिल कर दे या फिर जब हम सामान्य हों तो हमको उस व्यक्ति के साथ अच्छा ही न लगे और हम उसका दिल तोड़े दें. इसलिए अपने ब्रेकअप के दर्द को कम करने के लिए किसी का कन्धा तलाशने के चक्कर में न पड़ें – ये “रिबाउंड अफेयर” कई बार कुएं से निकल कर खाई में पड़ने जैसा भी साबित हो सकता है. ऐसे में दोस्ती पर ज्यादा निर्भर करें- ऐसे दोस्त जो आपको बिना जज किये सुने-समझें और सही सलाह दे सकें.

जब आप  पूरी तरह से अपने ब्रेकअप से बाहर आ जाएँ तब आप खुले मन और सावधानी से किसी दूसरे रिश्ते की तरफ अपने कदम बढ़ा सकते हैं.

4. ख़ुद को “Me time” दें और रो लें –

अगर आप दुखी हैं तो रो लेने में कोई बुराई नहीं है, दिल हल्का होता है. अपनी फीलिंग्स को स्वीकार करते हुए उनसे डील करना सीखना चाहिए. दुखी हैं तो खुश होने का दिखावा करने की ज़रूरत क्या है? आप इंसान हैं, कोई मशीन नहीं, जो किसी भी फीलिंग को Alt+Ctrl+Delete मार दिया. प्रेम, नफरत, दर्द, धोखा सभी तरह की भावनाओं से उबरने में वक़्त लगता है और ये एक सहज क्रिया है, ख़ुद पर दबाब डाल कर इसको मुश्किल न बनायें. अपने आप को वक़्त दें, अकेले रहें, ख़ुद को नए सिरे से जानने-समझने की कोशिश करें, मैडिटेशन करें, ख़ुद का एक बेहतर और अपडेटेड वर्जन तैयार करें, अपने लिए वो सारी चीज़ें करें जो आप दूसरे से उम्मीद रखते आये और दुखी होते रहे. आखिर आपका वजूद, सारी खुशियाँ-गम, दोस्त, प्रेमी, उम्मीदें, सपने आपके होने से ही तो है! तो मजबूत बनें और ख़ुद को पहले से ज्यादा प्यार करना सीखें. दूसरा आपको तभी दुःख पहुँचा सकता है जब आप उसको इतना मौका दें.

तो ब्रेकअप से दुखी होने के बजाय इसको दूसरा जीवन मान कर wake-up हो जाएँ.

 

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इमेज क्रेडिट : विराज टाक,  इरा टाक