The dreamless sleep state is called “Prajnya” in the Bhagavad Gita.
प्रज्ञा मानव मन से मुक्त है और जीवन शक्ति की मूल प्रतिनिधि है – वह बुद्धि जो हमारे शरीर को नियंत्रित करती है – वस्तुतः “प्राणमय कोष” को चलाती है। We breathe 18 times a minute, the heart pumps blood 72 times a minute maintaining 120 mm of mercury pressure in the blood vessels so that blood reaches every single cell, the body temperature is maintained at 98.4-degrees Fahrenheit. शरीर में जल का का पी.एच. समुद्र के पानी के समान बनाए रखा जाता है, आदि-इत्यादि।
जो व्यक्ति चेतना की इस स्थिति से निर्णय लेता है, उसे “स्तिथप्रज्ञ” कहा गया है। उसके हाथों भगवान के काम होते हैं। So, the biggest barrier between God and us is our mind. Perhaps that is the reason why right in the beginning, Patanjali has described Yoga in the Yoga Sutras as making the mind steady – योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः – योग दरअसल मन को भटकने से रोकना है जिससे चित्त में विभिन्न रूपों का नाटक बंद होकर चेतना एक काम पर केन्द्रित हो सके।
What are these various forms? The play of reality always manifests as two sides, or two poles.
Every truth is half-false, and everything is and isn’t, at the same time. हरेक कुछ अपनी ही विपरीत दिशा में प्रकट होकर, जहां से यह शुरू हुआ था, पूर्णता प्राप्त करता है। बीज से पेड़, पेड़ से फल, फल से बीज की तरह। पोते का दादा बनना ही परिवार है। People rise from rags to riches. Princes turn paupers. Sinners become saints. Saints commit crimes. That is what makes this world complete.
तापमान में भिन्नता से अलग, गरम और ठंडे का क्या मतलब है? ऊपर और नीचे एक वस्तु के दो सापेक्ष स्थानों के अलावा अर्थहीन शब्द हैं। If some one starts traveling north, at some point s/he will find her/himself traveling south and vice versa. And so it is with light and dark, and inside and outside. सभी विरोधी, विपरीत स्थितियाँ, समान प्रकृति के अलग-अलग पहलू होते हैं।
One particular thing may be both good and bad at the same time – good for one purpose and bad for another.
घड़ा क्या है? एक प्रकार का स्थान। क्या घड़े के बाहर का स्पेस, अंदर के स्पेस से अलग है? No, except that the space inside can hold some substance. उसी एक घड़े में, आप पानी, तेल या शराब कुछ भी रख सकते हो। चाहे चाय पियो या कॉफी, प्याले को क्या? Your mind can hold emotions like anger, greed, attachment, dullness, envy and pride. It can also hold love and compassion, hope and inspiration.
We are the soul in this body, in this world. While we are in the world, we are not of the world. This realization is called the “Middle Way” in Buddhism. भगवान बुद्ध की एक उक्ति को, युवा अमेरिकी महिला औरोरा एलियम ने बड़ी खूबसूरती से यूं कहा है, “भोग और आत्म-इनकार के चरम के बीच, जो एक बीच की, दुःख और सुख से मुक्त, अवस्था है, वही इस जीवन में शांति और मुक्ति का मार्ग है।”
So, hereafter, be alert not to take the extreme side of anything. The more we delve into the middle way, the more deeply we come to rest between the play of opposites. न तो कहीं आगे जाना है, न तो कहीं पीछे जाना है, और न ही रुक कर खड़े हो जाना है। हर पल जैसा है उसे दिमागदारी से, हकीकत और फसाने में फर्क करते हुए, जीते जाना है।