आस्था का वितानDa NiSeptember 9, 2020September 9, 2020 September 9, 2020September 9, 2020425 दिन में घनघोर बारिश ? हो रही थी। आकाश में काली घटायें ☁ छाई हुई थीं, ऐसा लग रहा था कि बारिश रुकेगी नहीं परन्तु कुछ घंटे बाद बारिश थम गई। आकाश में दो इन्द्रधनुष ? निकले थे। काले-सफेद-नारंगी रंगों के चमकीले बादल तैर रहे...
आज़माये हुये देशी नुस्खेDa NiJuly 3, 2020August 26, 2020 July 3, 2020August 26, 2020282 आजकल घर से बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है। ऐसी स्थिति में किसी तकलीफ के होने पर प्राथमिक उपचार की आवश्यकता होती है। इसके लिए कुछ घरेलू नुस्खे बता रही हूँ। अक्सर सब्जी-फल काटते समय चाकू से उंगली या हाथ कट जाता है। कभी चोट गहरी...
बेरोजगारीDa NiJune 23, 2020August 26, 2020 June 23, 2020August 26, 2020100 झरोखे से झाँकता चाँद मैं कमरे में खड़ी थी, अचानक दरवाजे पे नजर पड़ी थी, झरोखे से झाँक रहा था आधा चाँद, मद्धिम पीली आभा के साथ। अवगुंठन में छुपा के मुखड़ा, देख रही प्रियतम को प्रियतमा, फिर लगा कि देख रहे हो तुम, अपने...
सुरक्षित दूरियाँ v/s छूआछूतDa NiJune 13, 2020August 26, 2020 June 13, 2020August 26, 2020112 जब से कोरोना वायरस आया है तब से सोशल डिस्टेेंसिग की बात हो रही है, मतलब सुरक्षित दूरियाँ। यह सुन कर तथा पढ़ कर मुझे अजीब लग रहा है। कहते हैं कि समाज में मिल कर रहना चाहिए। मनुष्य सामाजिक प्राणी है फिर यह दूरी,...
आज के संदर्भ में – सीता और द्रोपदीDa NiMay 14, 2020September 2, 2020 May 14, 2020September 2, 2020443 टेलीविजन पर आजकल रामायण और महाभारत का प्रसारण हो रहा है। प्रसारण देखते-देखते दिमाग में विचार आने लगा कि नारी सदैव असुरक्षित और असहाय क्यों है? सदैव समाज और पुरुषों के द्वारा छली जाती है। क्यों? क्योंकि वो नारी है। सतयुग, त्रेता, द्वापर या कलयुग...
3Da NiMay 6, 2020August 26, 2020 May 6, 2020August 26, 2020236 उस दिन सुबह समाचार देखने के लिए टेलीविजन खोला तो शराब की दुकान पर शराब खरीदने के लिए लम्बी लाइनों को देखकर विचलित हो गई। हम सब लोग घरों में बंद हैं। बीस मार्च से घर के दरवाज़ों से बाहर नहीं निकले हैं। पूर्ण लॉक...
2Da NiApril 26, 2020August 26, 2020 April 26, 2020August 26, 2020252 दा नी-(दादी +नानी) एक माह बीत गये घर में रहते हुए, लगभग पूरा देश अपने-अपने घर में बंद है। घर में रह नहीं रहे हैं बल्कि कैद हैं जैसे, सारे काम-काज बंद हैं, रोजी-रोटी बंद पड़ी है, व्यक्तिगत तौर पर हर कोई परेशान है। प्रत्येक...
1Da NiApril 22, 2020August 26, 2020 April 22, 2020August 26, 2020150 दानी (दा यानी दादी, नी यानी नानी) आज का परिवेश भयावह है। सबलोग दहशत में जी रहे हैं।। लगता है कि अगली सांस स्वस्थ आयेगी कि बीमारी वाली होगी। यही सोचते हुए सत्तर-अस्सी साल पहले के पुराने वर्षों में पहुँच गई — कितनी शुद्ध और...