झरोखे से झाँकता चाँद
मैं कमरे में खड़ी थी,
अचानक दरवाजे पे नजर पड़ी थी,
झरोखे से झाँक रहा था आधा चाँद,
मद्धिम पीली आभा के साथ।
अवगुंठन में छुपा के मुखड़ा,
देख रही प्रियतम को प्रियतमा,
फिर लगा कि देख रहे हो तुम,
अपने पास बुला रहे हो तुम।
मैं अवाक ठगी देखती रही छवि,
पर यह क्या सूरत सीरत बदल गई,
माँ की मूरत बन गई,
माँ को निहारती रही।
बदलती मूरतें देखती रही,
बेटी पुकारती रही,
बेटी को देखा, चाँद को देखा,
दोनों की आभा मद्धिम थी।
आज झाँकते चाँद ने कितने रूप दिखा दिये।
आकाश पर पुनः नजर डाली तो देखा कि चाँद की चाँदनी मद्धिम थी, सदैव चाँद चमकती चाँदनी के साथ देखा था। मलिन चाँद कुछ कह रहा था, वह बोला जब सारा संसार उदास चिंतित परेशान है तो मैं स्वच्छ धवल चाँदनी के साथ कैसे चमक सकता हूँ! सही तो कह रहा है चाँद।
जहाँ एक वायरस ने पल भर में सारी दुनिया को बदल कर रख दिया। सारी व्यवस्था, सारे प्लान चौपट हो गये। एक ढर्रे पर सभी देश अपनी कार्य प्रणाली चला रहे थे, सरकार और व्यापार सामान्य रूप से चल रहे थे। पर महामारी ने सब कुछ बदल दिया। लॉकडाउन करना पड़ा और बंदी से मंदी का दौर आरम्भ हो गया। इसका प्रभाव कार्य प्रणाली पर पड़ा। धीरे-धीरे करके प्रतिष्ठान बंद होने लगे, काम घटने से छंटनी की गई, बहुत लोग बेरोजगार हो गये। अब समस्या काम करने की हो गई।
कामगारों को परिवार??????चलाने की समस्या का सामना करना पड़ा रहा है। पूरे विश्व में बेरोजगारी की समस्या हो गयी है। ऐसी स्थिति में स्वतः रोजगार को बढ़ावा देना होगा। सभी लोग बाहर जाकर कार्य नहीं कर सकते हैं। अतः घर? में रह कर ही रोजगार तलाशने होंगे। अब बड़ी समस्या है कि क्या काम किया जा सकता है?
प्रत्येक व्यक्ति के समक्ष यह प्रश्न है कि वे लोग??? कौन सा कार्य करें? मेरे विचार से काम के अवसर बहुत हैं। प्रत्येक व्यक्ति के पास कोई न कोई हुनर तो होता ही है। बस, वो उसका उपयोग कर जीविकोपार्जन करने का प्रयास कर सकता है।
शिक्षित लोग लेखन जैसे कार्य कर सकते हैं।ऑनलाइन और डिजिटल तरीके से कार्य कर सकते हैं। ट्यूशन ऑनलाइन कर सकते हैं। टेक्निकल लोग दूसरों को सिखा सकते हैं। जिनको जो बनाना आता है उसे स्वयं बना और दूसरों सिखा कर कमाई कर सकते हैं। ऑनलाइन ऑर्डर से किसी भी प्रकार का काम कर सकते हैं। महिलायें ऑर्डर के माध्यम से बूटिक इत्यादि चला सकती हैं। ऐसे ही लोग घरेलू उद्योग चला कर आर्थिक स्थिति ठीक कर सकते हैं।
ये मेरे कुछ सुझाव हैं। इस प्रकार से स्वयं रोजगार के अवसर तलाश कर धनोपार्जन करके अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। और आत्मनिर्भर बनने के प्रधानमंत्री जी के सुझाव को अमल में ला सकते हैं।