Inforanjan

  • होम
  • लाइफस्टाइल
    • सौंदर्य
    • फैशन
    • पालतू पशु
  • मनोरंजन
  • सेहत
    • खानपान
    • मानसिक स्वास्थ्य
  • पेरेंटिंग
    • मॉम की डायरी
  • किस्से कहानियां
    • सोशल
    • संस्मरण
    • कथा साहित्य
  • प्रकाशित करें
  • English
Inforanjan

Da Ni की कलम से - 1

by Da Ni
April 22, 2020August 26, 20200102

दानी (दा यानी दादी, नी यानी नानी)

आज का परिवेश भयावह है। सबलोग दहशत में जी रहे हैं।। लगता है कि अगली सांस स्वस्थ आयेगी कि बीमारी वाली होगी। यही सोचते हुए सत्तर-अस्सी साल पहले के पुराने वर्षों में पहुँच गई —

कितनी शुद्ध और स्वच्छ हवा थी,सारा वातावरण प्राकृतिक था, चारों तरफ पेड़ ????पौधे। सुंदर फूलों और फलों के बगीचे थे। चारों तरफ खुशनुमा माहौल था, सुंदर पक्षी चहचहाते रहते थे, झरने, नदियाँ तालाब सब शुद्ध जल के बहते थे। क्या नयनाभिराम दृश्य था। बड़े-बड़े घर ? थे और जगह की कोई कमी नहीं थी। संगीत की स्वर लहरी सुनाई देती थी।

धीरे-धीरे समय में परिवर्तन आया; चारों तरफ तेजी से विकास होने लगा, फैक्ट्रीज-मिलें लगने लगीं। जो काम हाथ से करते थे वे मशीनों से होने लगे। मिल तथा मशीनें लगाने के लिए जमीन की जरूरत पड़ी तो जंगल काटे जाने लगे फिर बाग-बगीचे भी समाप्त होने लगे, सब तरफ मशीनीकरण हो गया।

लोग रोजीरोटी के लिए शहरों की तरफ आने लगे। फिर उनके रहने के लिए मकान बनाये गये। शहरों के आसपास की जमीन को भी मकानों और उद्योगों के लिए ले लिया गया। धीरे-धीरे चारों तरफ मशीनीकरण और शहरीकरण हो गया। रोजगार के लिए लोग शहरों की ओर आने लगे। अब रहने के लिए स्थान कम पड़ने लगे तो बहुमंजिली इमारतों का निर्माण शुरू हुआ, गाँवों का शहरों में विलय होने लगा।

इस प्रकार हवा की शुद्धता में कमी होने लगी। धीरे-धीरे सारा पर्यावरण अशुद्ध हो गया। पक्षी कम हो गये; पशु कम हो गये। जहां चारों तरफ पक्षियों की मधुर आवाज़ से वातावरण गुंजायमान रहता था वहां मशीनों के कलपुर्जों की घरघराहट के कान फोडू शोर ने सारा परिवेश दूषित कर दिया। सड़कों पर वाहन बढ़ गए, डीजल-पेट्रोल का धुंआ बढ़ा तो प्रदूषण भी बढ़ गया। पहले वाला वातावरण सपना हो गया।

तरह-तरह की बीमारी होने लगीं।

मलेरिया आया फिर इन्फ्लुएंजा आया। उसके बाद डेंगू आया, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां हुईं, जिनकी दवाइयाँ और इलाज नहीं था। इन पर शोध हुआ, दवाई-इलाज निकला। एक का निदान होता तो दूसरी बीमारी आ जाती है। सब एक से बढ़कर एक विकराल हैं। अभी इन बिमारियों से निजात भी नहीं मिला था कि एक नई बिमारी कोविड-१९ ने जन्म ले लिया। यह कोरोना वायरस से फैल रहा है और सुरसा की तरह इसका मुँह खुलता ही जा रहा है।

मलेरिया में जाड़ा लग कर बुखार आता था, यह मच्छर के काटने से फैलता था। फिर इन्फ्लुएंजा में बुखार के साथ शरीर में दर्द भी होता था। डेंगू में यही बुखार कुछ नये लक्षण के साथ आया। फिर चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू नये-नये लक्षणों के साथ आए। ये बिमारियाँ जानलेवा हो गईं।

अब कोरोना जो छूने और साँस लेने से फैल रहा है। इसका कोई इलाज नहीं निकला है। पूरी दुनिया में हजारों-लाखों लोग मर रहे हैं। सारे संसार में इस पर शोध हो रहा है। ना कोई दवा है, न इंजेक्शन है। अपने-अपने तरीके से सुरक्षा के उपाय बताए जा रहे हैं।

एक-दूसरे से दूरी बनाने की सलाह दी जा रही है। पूरा विश्व घर में बंद हो गया है, रात-दिन चलने वाली दुनिया थम गई है। सब तरफ मन में अंधकार और निराशा है। कोई भी नहीं जानता है कि कल क्या होने को है। यह विज्ञान और प्रदूषण का परिणाम है कि संसार मृत्यु की कगार पर खड़ा है। हम लोगों ने प्रकृति से छेड़छाड़ की तो उसने भी पलट वार कर दिया है। अब सावधान रहने और अपने साथ दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है।

घर पर रुक कर सुरक्षित रहें।

प्रकृति के शुद्ध रूप का आस्वादन करें और उसकी निर्मलता को बनाये रखने की दिशा में सोचें।

शेयर2
next post
Da Ni की कलम से - 2
Apr 26, 2020

फ़ेसबुक पर फ़ॉलो करें

Infoरंजन

ताज़ा लेख

खोए हुए जूते और तेज़ दौड़ने की ज़ि‍द में लड़खड़ाया बच्‍चा

Dr. DushyantJanuary 15, 2021
January 15, 2021

पर्फेक्ट दामाद : चैताली थानवी की लिखी

Chaitali ThanviJanuary 10, 2021January 10, 2021
January 10, 2021January 10, 2021

अमेजोन प्राइम पर आई फिल्‍म ‘ए कॉल टू स्‍पाय’ का रिव्यु |...

Dr. DushyantDecember 31, 2020January 24, 2021
December 31, 2020January 24, 2021

डिग्रियों के गुलाम, कैसे करें जिंदगी को सलाम

Dr. DushyantDecember 24, 2020
December 24, 2020

इज़्ज़त की सीख : समीर रावल की लिखी

Sameer RawalDecember 20, 2020December 20, 2020
December 20, 2020December 20, 2020

अंगदान : मरने के बाद दें जीवन का वरदान

Dimple Anmol RastogiDecember 12, 2020December 12, 2020
December 12, 2020December 12, 2020

लोकप्रिय लेख

हींग कचौरी की खुशबू

Dr. DushyantNovember 1, 2020November 1, 2020
November 1, 2020November 1, 20201435

ला फिएस्ता !

Swa:BaniOctober 24, 2020October 24, 2020
October 24, 2020October 24, 20201431

नोबेल साहित्‍य पुरस्‍कार में भारतीय दावेदारी

Dr. DushyantOctober 17, 2020November 2, 2020
October 17, 2020November 2, 20201387

होनी : समीर रावल की लिखी

Sameer RawalOctober 3, 2020October 3, 2020
October 3, 2020October 3, 20201370

पढ़ ले दो दूनी चार, कर ले जीवन से प्‍यार

Dr. DushyantAugust 13, 2020November 2, 2020
August 13, 2020November 2, 20201115

राजाओं की तरह जीने वाली रानी की कहानी

Dr. DushyantSeptember 30, 2020November 2, 2020
September 30, 2020November 2, 20201007
DMCA.com Protection Status
  • About us
  • Terms of Service
  • Privacy Policy
  • Contribute
Copyright © 2019-2021 - inforanjan.com. All Right Reserved.
Inforanjan
FacebookTwitterPinterestEmail
  • Home
  • Lifestyle
  • Technology
  • Health
    • Diet & Nutrition
    • Women Health
    • Mental Health
  • Parenting
    • Kids
    • Teenagers
    • Education
    • Mom’s Diary
  • Entertainment
    • Stories
    • Social
  • Contribute
  • हिन्दी