The fourth Law of Success is Initiative and Leadership, पहल और नेतृत्व की आदत । Napoleon Hill linked leadership with the habit of taking the initiative. To put it simply, initiative is to do what is needed without waiting for others. अगर सड़क पर केले का छिलका पड़ा हुआ है, तो साधारण लोग उसे नजरअंदाज कर देंगे, लेकिन जन्मजात नेता उसे उठाकर कूड़ेदान में फेंक देगा।
बिना बताए कुछ अच्छा करने की यह आंतरिक प्रेरणा स्वावलम्बी व्यक्तियों का स्वाभाविक लक्षण है। They don’t wait for others to tell them what to do and how to do it. They just decide what the right action at that moment is and do it. They are forward-thinkers, they take the initiative to lead, and in the end, they take complete ownership of their actions. चाहे खूब हो या खराब हो।
अच्छी बात यह है कि पहल करना एक कौशल है जिसे आप विकसित कर सकते हैं।
नेक काम करने की पहल को कैसे परखें? मेरे अनुभव में, पांच खूबियाँ हैं जो परिलक्षित हो ही जाती हैं। (1) Seeing yourself as a part of one bigger whole; (2) Your confidence in your abilities and beliefs; (3) Awareness of the gaps and inadequacies around; (4) A sense of selflessness, not expecting recognition for everything done; and finally, (5) living with a sense of command as if holding a lever for change.
Leadership must not be confused with positions. An ordinary person on the road, who volunteers to help an old person struggling, is a leader. नैसर्गिक नेता ट्रैफिक जाम में अपनी कारों में बैठे हुऐ चिल्लाते या ऊब कर झपकी नहीं लेते हैं। वे नीचे उतरते हैं और वजह जानकर यातायात को सुचारू करने में सहयोग करते हैं।
Leaders spend their free time in serving others and communities. They can be seen doing service in temples, taking classes in schools and helping patient attenders in hospitals. सेवा करने के लिए बहुत सारे अवसर हैं, लेकिन आम लोग उन्हें कभी नहीं देख पाते। उन्हें समझने और उनके साथ भाग लेने के लिए मन में नेतृत्व का भाव होना जरूरी है।
Unfortunately, many people who occupy leadership positions, lack initiative. They sit there as prisoners of their positions, manipulated by their officials and family members, and driven by their personal whims and fancies rather than doing what is right and required from them. डॉ. कलाम कहा करते थे, “आपको मसलों में शामिल होना चाहिए और कभी भी परिस्थिति से दूर नहीं भागना चाहिए। यहां तक कि अगर कोई गलती भी हो जाये तो परवाह नहीं, कुछ अच्छा होने की प्रतीक्षा करते हुए निकम्मे बैठने से जो बन पड़े करना कहीं बेहतर है।“ शायर सिराज फ़ैसल ख़ान के लफ्जों में, “वो कभी आग़ाज़ कर सकते नहीं, ख़ौफ़ लगता है जिन्हें अंजाम से।“
The biggest power in this world is hope.
One must never lose hope; however, bad the situation. The most influential people are those who can disburse hope to others. बराक ओबामा ने इसे इतनी अच्छी तरह से कहा है, “आशाहीन न होने का सबसे अच्छा तरीका है कि उठो और कुछ करो। Don’t wait for good things to happen to you. If you go out and make some good things happen, you will fill the world with hope; you will fill yourself with hope.” आशा जगे हुए व्यक्ति का स्वप्न है जो उसे सोता जीवन जीने से बचाती है।