अत्यधिक प्रभावी लोगों की छठी आदत “सिनर्जी – तालमेल बिठाना” है। दरअसल तालमेल का मतलब “दो दिमागों का एक ही ख्याल सोचना” है। It is the habit of creative cooperation. It is teamwork, open-mindedness, and the adventure of finding new solutions to old problems. But it doesn’t happen on its own. It is a process.
Through the synergy process, people bring all their personal experience and expertise to the table.
Together, they can produce far better results than they could individually. सिनर्जी की आदत हमें संयुक्त रूप से उन चीजों की खोज करने में मदद करती है जिनके हमारे स्वयं के द्वारा खोजे जाने की बहुत कम संभावना होती है। संपूर्ण हमेशा अपने भागों के योग से अधिक होता है। एक और एक फक्त दो नहीं बल्कि तीन, छह, या साठ के बराबर हो जाते हैं।
Synergy is not compromise. In a compromise, one plus one equals one-and-a-half at best. The capability of inventing new approaches is decreased exponentially because of differences. शायर हफ़ीज़ होशियारपुरी ने फरमाया है, “दिलों की उलझनें बढ़ती रहेंगी. अगर कुछ मशवरे बाहम न होंगे।“ जब लोग वास्तव में एक साथ ताल मिलाना शुरू करते हैं, और एक-दूसरे के लिए दिल और दिमाग खोलते हैं, तो उन्हें नई अंतर्दृष्टि प्राप्त होने लगती है।
Accepting differences is what really drives synergy. Do you truly value the mental, emotional, and psychological differences among people? Or do you wish that everyone would just agree with you so that you could all get along? कई लोग एकता को एकरूपता समझने की गलती करते हैं; समानता के लिए समान होना जरूरी नहीं है। मतभेदों को ताकत के रूप में देखा जाना चाहिए, कमजोरियों के रूप में नहीं। अलग-अलग व्यन्जनों से मिल कर ही थाली बनती है। ढोल-मंजीरा मिलकर धुन बनाते हैं।
Your mind can be your enemy or friend.
If you always follow your heart, your mind will feel neglected. If you follow only your mind, your heart will never forgive you. कभी भी अपने विवेक की उपेक्षा न करें, दिल की चाहतों के प्रति सचेत रहें। Make your heart and mind friends and you will have peace of mind throughout life’s seasons.
विचारों और भावनाओं के बीच का तालमेल आपके लिए कायनात को खुली किताब की तरह बना देगा। हर चीच आसान और पहचानी लगने लगेगी। The greatest need of our time is to clean out the enormous mass of mental and emotional rubbish that clutters our minds. Albert Einstein so wisely observed, “The intuitive mind is a sacred gift, and the rational mind is a faithful servant. We have created a society that honors the servant and has forgotten the gift.” हफ़ीज़ होशियारपुरी आगे कहते हैं, “हमारे दिल में सैल-ए-गिर्या होगा, अगर बा-दीदा-ए-पुर-नम न होंगे। “
God would prefer us all to be united than divided. The Devil would prefer us all to be divided than united.
परमेश्वर उस व्यक्ति को पसंद करता है जो नफरत करने वालों से भी प्यार करता है। वह व्यक्ति शैतान का है जो प्यार करने वाले से भी नफरत करता है। Synergy is the only true way to world peace. Be vigilant of what is going on in your mind and don’t any thought of division to settle into your body. भ्रमित मन शरीर में रोगों की मेजबानी करता है। तन और मन के बीच तालमेल बना कर जियें।