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अतीत पर हमारा वर्तमान और भविष्य टिका होता है। हर दिन बीतने के साथ अतीत हो जाता है और उस पर नए दिन की परत चढ़ जाती है। यह एक-एक दिन मिलकर हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। कई बार यह दिन अच्छे हो सकते हैं, कई बार सामान्य और कई बार बेहद अंधेरे और भयावह।

अक्सर लोग अपने अतीत को याद करते रहते हैं, अच्छे- बुरे दिनों का जिक्र करते हैं। अच्छी यादें उनके चेहरे पर मुस्कुराहट ले आती हैं और बुरी यादें दुख और कड़वाहट से भर देती हैं। कई बार हम अतीत की कड़वाहट को खुद ही जिंदा करते रहते हैं और अपना वर्तमान खराब करते रहते हैं। और कुछ बातें इतनी तकलीफदेह होती हैं कि हम अवसाद (Depression) में चले जाते हैं। बचपन के कुछ दुःखद अनुभवों की काली छाया उम्र भर डराती रहती है।

प्रेम, कैरियर, शादी, दोस्ती, नौकरी आदि के कुछ कड़वे, वीभत्स अनुभव दिलो-दिमाग पर ऐसा गहरा असर छोड़ते हैं जिनके प्रभाव से निकल पाना आसान नहीं होता है। वे कई बार व्यक्तित्व को बदल कर रख देते हैं। परन्तु हमें अपने अतीत के अंधेरों पर जीत हासिल करना सीखना होगा, उन कड़वी यादों से बाहर आना होगा, जो हमारे वर्तमान की मिठास को कम करती हैं।

यह जिंदगी पहाड़ है और अगर पहाड़ पर चलते वक़्त आपकी पीठ पर अतीत की गठरी का बोझ होगा तो निश्चित तौर  पर आपकी रफ्तार कम हो जाएगी। अगर अतीत के दुःख आपकी आंखों को गीला कर देते हैं तो वर्तमान और भविष्य को देखने के लिए आपकी नजर धुंधली हो जाएगी।

बार-बार पीछे देख कर आगे दौड़ना मुश्किल होता है, यह आपकी रफ्तार और लक्ष्य के प्रति आप के समर्पण को कम करता है। तो जरूरी है कि हमारी नजर भविष्य के सपने देखते हुए वर्तमान में चौकस और चौकन्नी रहे!

अतीत के दुःख आंखों में बादल बनकर ना मंडराएं। कुदरत ने मनुष्य को विवेक दिया है कि वो अपनी यादों की अलमारी को डिज़ाइन करके खूबसूरत बना सके !अलमारी में भरा हुआ कूड़ा-कबाड़ निकाल फेंकिए और चुन-चुन कर अच्छी, खुशनुमा यादें सजाइये।

मेरी एक बात पर अमल करके देखिये। अपने मन के सारे राज और तकलीफें कागज़ पर लिख डालिए। चाहे तो एक कॉपी भर डालिए। बिना रुके, बिना सोचे अपना मन उड़ेल डालिये। आराम से सोच कर लिखें- बचपन से आज तक की हर तकलीफ, जो आज भी आपके मन में जिन्दा है और टीस देती है। हर उस शख्स का नाम जिसने आपका जीवन दूभर कर दिया था। फिर उस कागज़ को जला दें और उसकी राख को देख के ज़रूर सोचियेगा कि मैं इस राख के लिए दुखी था/थी।

यकीन मानिए, बहुत सुकून मिलेगा। और ये आपको तब-तब करना है , जब-जब कोई भी बुरी याद वर्तमान में घुस आए। हमारा दिमाग शरीर की हार्ड ड्राइव है, जिसको फॉर्मेट करते रहना बेहद जरूरी है ताकि हमारा सिस्टम हैंग न हो। हमें चाहिए कि वक्त-वक्त पर उसमें से बुरी यादें, जंक, नेगेटिविटी डिलीट करते रहें और उसमें सकारात्मकता, ख़ुशी, नए थॉट्स भरते रहें तब आपका मन और शरीर एकदम सही काम करेगा।

तुम्हारी गालियां
मेरे ज़ख़्म
सब दफ़न हैं
नींव में
मेरी मुस्कुराहट
मेरा तमगा (Medal) है।

तो ये मुस्कराहट चेहरे पर बनाये रखिये क्योंकि ये आपके और दूसरों के लिए हमेशा मरहम का काम करती है।

अतीत से प्रेरणा और सबक लेते हुए आगे बढ़ जाना ही जीवन जीने का सही तरीका है। अतीत को साथ टांगे रहने से उलझनें बनी रहती हैं, जिनको आप कभी भी नहीं सुलझा सकते। तो अतीत को अतीत में ही रहने दें और वर्तमान के हरेक क्षण का आनंद लेते हुए भविष्य को सुनहरा बनाये और अतीत के लिए सुखद यादें जुटाएं।

Image Source :  Era Tak