कोरोना काले, सुविचारित बुद्धि

सर्दियां शुरू हो चुकी हैं, अभी त्योहारों का मौसम गुजरा है और शादियों का मौसम चालू है. ऐसे में शादियों में जाना, बाजार जाना, दोस्तों, रिश्तेदारों, मेहमानों का आना-जाना! दूरी रखते हुए भी न जाने कब फोटो खिंचाते हुए करीब आ जाना, मास्क को ठीक से न लगाना ऐसे में न जाने कब कोरोना आपके घर में घुस आता है और चूँकि इस बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम आम बात है तो पता भी नहीं लग पाता कि नॉर्मल कोल्ड है या कोरोना वायरस. कोरोना के लक्षण आप पिछले कई महीनों से पढ़ रहे होंगे – सूखी खांसी, बुखार, जुखाम, बदन टूटना, सिर दर्द होना, साँसें लेने में दिक्कत, सुगंध और स्वाद का चले जाना आदि यह बेसिक लक्षण है. और कई बार तो लक्षण पकड़ में भी नहीं आते.

कोरोना होने पर क्या करें, क्या न करें, क्या बिल्कुल न करें –

घर में किसी को भी सर्दी जुकाम या बुखार हो तो उसको अलग कमरे में शिफ्ट कर दें ताकि घर के अन्य सदस्यों को उससे संक्रमण न हो. कोरोना की जांच कराएँ. अगर खुदा-न-खास्ता जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ भी जाए तो बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें… अपना ऑक्सीजन लेवल Oximeter की सहायता से चेक करते रहें. घर के सदस्यों से फ़ोन पर संवाद करते रहें. भावनाओं में बहकर उनके करीब न जायें. अगर घर में ज्यादा सदस्य संक्रमित हो जायें तो बहुत दिक्कत आती हैं – बीमार कैसे बीमार की सेवा करेगा! इसलिए घर में सब मास्क लगा कर रखें. समय-समय पर घर में Sanitization करते रहें. बीमार व्यक्ति के बर्तन अलग धोएं, अगर संभव हो तो उनको अलग बाथरूम दें.

खानपान का विशेष ध्यान –

कोरोना में शरीर कमजोर हो जाता है तो खानपान का विशेष ध्यान रखें. खाना हल्का, कम तेल मसाले का हो, प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें. चिकन और अंडा ( अगर Non-veg लेते हैं तो), पनीर, दालें, ड्राई फ्रूट्स आदि लेते रहें. प्रोटीन के लिए डॉक्टर की सलाह पर कोई Supplement  भी लिया जा सकता है. दिन में दो से तीन बार गुनगुने पाने में नींबू पियें, नारियल पानी, काढ़ा, चाय, दूध-हल्दी समय-समय पर लेते रहें. हमारा शरीर 70% पानी से बना हुआ है इसीलिए तरल पदार्थ हमारे शरीर को ज्यादा फायदा करते हैं. विटामिन्स को नियमित रूप से अपनी दिनचर्या में शामिल करें.

घर में स्वस्थ लोग भी इस तरह का खानपान नियमित रूप से ले सकते हैं ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ( Immunity) बनी रहे. इम्युनिटी बढ़ाने के दादी-नानी के नुस्खे अचूक हैं, उनका इस्तेमाल करें!

कोरोना पॉजिटिव हैं तो मूड भी रखें पॉजिटिव –

लोहे को लोहा काटता है, ये मानकर चलिए, ऐसे कि कोरोना की पॉजिटिविटी को अपनी पॉजिटिविटी से करारी मात दे सकते हैं। कोरोना संक्रमण के बाद के समय आप बेहद सकारात्मक रहे क्योंकि सकारात्मकता आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और बीमारी में आपके समय को काटना आसान कर देती है. खुश रहें, निराशा से बचें. घर में किसी को भी कोरोना होने पर एक अजीब तरह की नकारात्मकता भर जाती है, मरीज से लेकर उसके तीमारदार तक एक आशंका भाव में डूबे रहते हैं. उनके पहचान वाले, दोस्त, रिश्तेदार भी बार-बार फोन करके अपनी सलाह देते रहते हैं. सबसे पहले जरूरी है कि आप यह सोचें कि दुनिया में बहुत लोगों कोरोना हो चुका है और वे ठीक भी हो चुके हैं- मुझे भी हुआ है तो यह जल्दी ठीक हो जाएगा.

लेकिन कैसे हुआ, क्यों हो गया, इसकी-उसकी वजह से हुआ, यह सोच कर लोगों पर दोषारोपण ना करें और अपने जल्दी ठीक होने की कामना करें. यह सामान्य जीवन का भी उपयोगी मंत्र है कि दोषारोपण की बजाय समाधान और सकारात्मकता से जीवन के दुर्गम पहाड़ चढ सकते हैं, गहरी खाइयां लांघ सकते हैं। जब कोरोना का राक्षस आपके जीवन में बिन बुलाए मेहमान की तरह आ गया है तो सकारात्मक, खुश रहे कि आप इस बीमारी का मुकाबला कर सकते हैं. याद रखें कि जिंदगी में कभी-कभी थोड़ा थम जाना भी जरूरी होता है इससे जिंदगी नहीं रुकती बल्कि आपको आगे की तैयारी के लिए वक्त देती है, इसीलिए बीमार है तो अच्छे से आराम करें, संगीत सुनें, अगर पढ़ने की ताकत है, कुछ पढ़ लें. मोबाइल, टीवी या लैपटॉप पर फिल्म्स भी देख सकते हैं. अपने अनुभवों को डायरी में दर्ज कर सकते हैं. थोड़ी देर धूप लेना भी जरूरी है इससे आपकी बॉडी को विटामिन डी मिलेगा. और यह बिल्कुल ना सोचें कि आप बीमार पड़ गए हैं और आपका काम बचा हुआ है. आप सोचिए कि एक बीमारी है और पूरी सकारात्मकता से हिम्मत रखते हुए लड़ना है, हिम्मत के साथ कोई भी बहुत आसान हो जाती है, चिंता करने से कुछ नहीं होता बल्कि ठीक होने की रफ्तार कम होती है. हल्का-फुल्का व्यायाम – प्राणायाम ज़रूर करें. अगर शरीर में ताकत है तो कमरे या छत पर थोड़ा टहल सकते हैं. पेड़-पौधों के पास रहकर आप अच्छा महसूस करते हैं, कोशिश कीजिए कि प्रकृति के नजदीक अपना समय बिताएं. कुदरत के साथ से बेहतर कोई इम्युनिटी बूस्टर शायद ही मेडिकल साइंस खोज पाई हो!!

अफवाह न फैलाएं… मदद को हाथ आगे बढ़ाएं –

पड़ोसियों, दोस्तों -रिश्तेदारों को चाहिए कि वह कोरोना पीड़ित से हाल -चाल पूछने के साथ- साथ उनका संबल बढ़ाएं और जितना हो सके, मदद के लिए सुरक्षा रखते हुए सामने आए. दूरी बनाए रखते हुए मरीज से बातचीत करते रहें. घर का माहौल हल्का-फुल्का रखें. मरीज की देखभाल करना थका देने वाला काम है और अगर घर में सभी बीमार हो ऐसे में काफी मुश्किल हो जाता है तो दोस्तों और रिश्तेदारों को चाहिए कि वह बाहरी काम के लिए या खाना वगैरह बना कर भेजने का प्रस्ताव रख सकते हैं. कोरोना पीड़ित से अछूतों वाला बर्ताव न करते हुए सहयोग और सद्भावना बनाये रखने का प्रयास करें.

दूरी बनाए रखते हुए सबसे मन से जुड़े रहें, यह वक्त भी गुजर जायेगा, जल्दी सही हो जाएंगे.

याद रखिए, मदद का बढ़ाया हुआ एक हाथ वापस कई हाथों के रूप में लौटेगा.

कोरोना के इस दौर में इंसानियत को बचाए रखिये. कोरोना का इंसानों ही नहीं, इंसानों के व्यवहार में बची इंसानियत पर आक्रमण है, दरअसल यह उसकी ही कड़ी परीक्षा है!

 

Image source: Viraj Tak

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